भोर भाई शुभ आँखें खोलो लड्डू लाया हूँ मुंह धोलो चिड़ियाँ गायें हैं चुन चुन चुन पवन चले है सुर सुर सुर सुर सूर्यकिरण निकली प्यारी सी आसमान से छट गए हैं तारे कोयल गा रही गीत है प्यारे मंदिर में बज रहे शंख घंटाले जागो अब, कबतक सोओगे नहीं जागे तो पछ्ताओगे !