Thursday, April 25, 2013

शहीदों की नहीं है याद, शहीदों का पाठ पढ़ना भूल गए




शहीदों की नहीं है याद, शहीदों का पाठ पढ़ना भूल गए
वैलेनटाइन है याद ,शहीदों पर पुष्प चढ़ना भूल गए
क्रिसमस का तो है पाठ , शहीदों का पाठ जोड़ना भूल गए


गद्दरों की सरकार ,शहीद-ए-हिन्द बताना भूल गए
अहिंसा का ऐसा रटाया पाठ, क्रान्तिवीरों को बताना भूल गए
वाह रे हिन्दूस्थान सेकुलर की ओढ़ ली ऐसी शाल, माटी का कर्ज़ निभाना भूल गए 
बिखर रहा हिन्दूस्थान ,शहीदों पर दीप जालना भूल गए
आज कितना बादल गया नौजवान, देश में वापस आना भूल गए !