andaz-e-bayaan अंदाज-ए-बयाँ
Hal-E-Dil | हाल-ए-दिल,कविता शायरी हिन्दी में
Monday, November 2, 2015
शहर की दौड़ !
इस शोर में हम कहीं खो गए !
पैसे कमाने कि दौड़ में,
इतना आगे निकल गए,
कि फिर शमशान में ही जा रुके !
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