आँखों में सपने हैं , कुछ दर्द अपने हैं , दर्द में मोती हैं , खुशियाँ क्यों रूठी हैं , खुशियों की दुनिया क्यों इतनी छोटी है ? ---------------------------------------------------------------------------------------
सताने लगे अगर तुम्हें तन्हाई, ओढ़ लेना खुद को अपनी बाँहो में, मुस्कुरा देना खुद को देखकर अपनी आँखों में समेट लेना पंखों को, उड़ने से पहले, देख लेना, कहीं ये ख्वाब तो नहीं !