Monday, February 14, 2011

जख्म इधर है तो दर्द उधर भी होगा

जख्म इधर है तो दर्द उधर भी होगा,
दिल इधर है तो धड़कन उधर भी होगी,
प्यास इधर भी है तो जस्बात उधर भी होंगे,
काँटा इधर लगा है तो चुभन उधर भी होगी,
जुस्तजूं इधर है तो कशिश उधर भी होगी,
चिंगारी इधर है तो आग उधर भी होगी,
दर्द इधर है तो चोट उधर भी होगी,
जिन्दगी इधर है तो जीवन उधर भी होगा,
खुशबू इधर है तो फूल उधर भी होंगे...
 
गम इधर है तो उदास मन उधर भी होगा,
एक किनारा इधर है तो दूसरा उधर भी होगा,
आवाज इधर है तो शोर उधर भी होगा,
पल्खों में नमी इधर भी है तो एक आँसू  उधर भी झलका होगा,
तड़प इधर है तो जुदाई उधर भी होगी ,
साँस इधर है तो उनका एहसास उधर भी होगा,
चुलबुली इधर है तो गुदगुदी उधर भी होगी ,
लब इधर हैं तो उनकी मुस्कुराहट उधर भी होगी...

प्यार इधर है तो इजहार उधर भी होगा,
चाँद इधर है तो चाँदनी उधर भी होगी,
दूरियां इधर भी हैं तो नज़दीकियाँ उधर भी होगी,
दिल इधर टूटा है तो टुकड़े उधर भी बिखरे होंगे...

घुटन इधर हुई है ,तो साँसें उधर भी रुकी होंगी...
मौत इधर आई है तो जनाजा उधर भी निकला होगा...

- अरविन्द/@rvind

Friday, November 23, 2007

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