Monday, February 14, 2011

दो आँसू रुक न सके

दो आँसू रुक न सके !

दो आँसू  रुक न सके दो पल के लिए...
दो पल रुक न सक इस दिल के लिए...
दिल तोड़ गए किसी की ख़ुशी के लिए...
वो हमें भूल गए किसी और के लिए...
हम तो इस उम्मीद में थे, कि वो आएंगे हमारी थोड़ी से ख़ुशी के लिए...
पर वो हमें छोड़ गए आँसुओं में बहने के लिए...
ये आँखें तरस गईं उनकी  एक झलक पाने के लिए...

जब याद आयेगी उनको हमारे गले लगने की और पलखों से निकल रहे होंगे आँसू...
तो हम न होंगे उनके दो आँसुओं  को रोक पाने के लिए...
- अरविन्द /@rvind!
 
Previously Posted at 5:43 AM on Tuesday, December 18, 2007

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