andaz-e-bayaan अंदाज-ए-बयाँ
Hal-E-Dil | हाल-ए-दिल,कविता शायरी हिन्दी में
Monday, October 14, 2013
कुछ कदम सफ़र में पीछे छूट जाते हैं
कुछ कदम सफ़र में पीछे छूट जाते हैं ,
कुछ अपने हमसे सदा के लिए रूठ जाते है,
आँसू बनके वो याद आते हैं,
कभी दिन में तो कभी रातों में सताते हैं ||
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment