andaz-e-bayaan अंदाज-ए-बयाँ
Hal-E-Dil | हाल-ए-दिल,कविता शायरी हिन्दी में
Wednesday, July 1, 2009
उतरना न इतनी गहराईयों में
उतरना न इतनी गहराईयों में की वापिस आना भी हो जाये मुश्किल ,
बनाना न इतनी दरारें की भर पाना भी हो जाये नमुश्किल !
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