Wednesday, July 1, 2009

आँखों में सपने हैं

आँखों में सपने हैं ,
कुछ दर्द अपने हैं ,
दर्द में मोती हैं ,
खुशियाँ  क्यों रूठी हैं ,
खुशियों की दुनिया क्यों इतनी छोटी है ?
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