Friday, March 20, 2009

अंदाज-ए-बयाँ || andaz-e-bayan


अंदाज-ए-बयाँ क्या करें दिल का ?
बहते आंसू
ही, कह देते हैं हाल-ए-दिल..

ज़ुबाँ तक जाने की फुर्सत कहाँ...


- अरविन्द/@rvind 

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